टाइटन पनडुब्बी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें , टाइटन पनडुब्बी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य, क्या थी टाइटन पनडुब्बी के डूबने की वजह , टाइटन में सवार 5 अरबपति कौन थे | Facts about Titan Submarine, Unknown Facts about Titan Submarine in hindi, What is Catastrophic Implosion in hindi, People in Titan Submarine
Titan Submarine: जो पनडुब्बी गई थी किसी दूसरे जहाज का मलबा देखने समुद्र की गहराई में गई थी, आज वो खुद ही अटलांटिक महासागर की गहराई में मलबे में तब्दील हो गई है। कौन जानता था कि कुछ ही पलों में उन पांचों यात्रियों की जिंदगी ही नहीं रहेगी।
100 साल से अधिक हो चुके टाइटेनिक जहाज के मलबे को देखने जा रही पनडुब्बी में सवार 5 लोगों ने फिर से अपनी जान गवां दी है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि आखिर अपनी जान जोखिम में डालकर खोजकर्ता टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए क्यों जाते हैं?
18 जून को ओशनगेट की पनडुब्बी 5 अरबपतियों को अटलांटिक महासागर में Titanic जहाज के मलबे को देखने ले जा रही थी, लेकिन कुछ ही समय बाद यह पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में लापता हो गई।
आइए जानते हैं टाइटन सबमरीन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें (Unknown Facts about Titan Submarine in hind)
Unknown Facts about Titan Submarine in hindi
यूएस कोस्टगार्ड्स ने 22 जून को जानकारी दी कि टाइटन submarine टाइटेनिक जहाज से कुछ ही दूरी पर पड़ा मिला है। यात्रा शुरू होने के 1 घंटा 40 मिनट बाद पनडुब्बी का संपर्क सतह के जहाज से टूट गया और पनडुब्बी समुद्र में लापता हो गई।
बताया जा रहा है कि टाइटन पनडुब्बी विस्फोट के कारण मलबे में तब्दील हो गई और पनडुब्बी का मलबा दो भागों में बटा हुआ है।
।और अब टाइटेनिक और टाइटन दोनों ही जहाजों का मलबा अटलांटिक महासागर में 490 मीटर की दूरी पर पड़े हैं।
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Unknown Facts about Titan Submarine ( पनडुब्बी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य)
टाइटैनिक जहाज का मलबा उत्तरी अटलांटिक महासागर में न्यूफाउंडलैंड, कनाडा के तट से लगभग 600 किमी की दूरी पर है।
ओशनगेट कंपनी की स्थापना एडवेंचर की दृष्टि से 2009 में की गई थी।
ओशनगेट (OceanGate) कंपनी की स्थापना साल 2009 में अमेरिकी एडवेंचर और पूर्व निवेशक बैंकर स्टोकन रश ने की थी। इसका उद्देश्य था अटलांटिक में डूबे टाइटैनिक के मलबे का पता लगाना।
टाइटेनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए जा रही थी।
ओशनगेट (OceanGate) कंपनी की टाइटन(Titan Submarine) पनडुब्बी 1912 में समुद्र में डूबे टाइटेनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए 5 बड़े अरबपतियों को ले जा रही थी। जिसमें खुद ओशनगेट के सीईओ (CEO) स्टॉकन रश भी सवार थे।
111 साल पहले 1912 में डूबा था टाइटैनिक
साल 1912 में टाइटैनिक जहाज अपनी पहली यात्रा पर निकला था और अपनी पहली ही यात्रा के दौरान रात को हिमखंड से टकराकर टाइटेनिक अटलांटिक महासागर में डूब गया। टाइटेनिक कितने लोकप्रियता का एक कारण यह भी था कि इसके बारे में कहा गया था कि यह जहाज कभी नहीं डूबेगा। इस जहाज के डूबने से 15 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
टाइटैनिक के मलबे को साल 1985 में पहली बार नेशनल जियोग्राफी के 2 खोजकर्ताओं द्वारा ढूंढा गया था।
एक्सपर्ट के अनुसार टाइटन पनडुब्बी के डूबने की वजह थी कैटास्ट्रोफिक इंप्लॉजन (Catastrophic Implosion)
एक्सपर्ट का मानना है कि समुद्र में टाइटन का जो मलवा मिला है वह 2 हिस्सों में बटा हुआ है। जिस अंदाजा लगाया जा सकता है कि टाइटन पनडुब्बी में ब्लास्ट हुआ है जिस जो कि कुछ ही मिली सेकंड के अंदर होने वाला हादसा है।
एक्सपर्ट के अनुसार समुद्र में अधिक गहराई पर जाने में समुद्र में दवाब 390 गुना अधिक हो जाता है, जिस वजह से पनडुब्बी के अंदर एक सीमित स्थान पर जरूरत से अधिक दबाव बनता है जिसे Catastrophic Implosion कहते हैं। और इसी के कारण Titan Submarine में ब्लास्ट हुआ होगा।
पनडुब्बी की क्षमता कंपनी द्वारा 12800 फीट की गहराई तक जाने की बताई गई थी।
टाइटन पनडुब्बी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य| Facts about Titan Submarine in hindi)
टाइटेनिक सर्वे एक्सपेडिशन पर ओशन गेट ने ने पहले कहा था कि टूरिस्ट अधिकतम 12,800 फीट की गहराई तक जा सकते हैं.
इससे पहले भी टाइटेनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए लोग कई बार जा चुके हैं।
टाइटन पनडुब्बी से पहले भी कई बार लोग टाइटेनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए यात्रा पर गए हैं। टाइटैनिक जहाज को लोकप्रियता तभी से मिली जब वह समुद्र में हिमखंड से टकराकर डूब गया था। उस समय से लेकर अभी तक टाइटेनिक चर्चा में रहता है।
टाइटन पनडुब्बी में 5 बड़े अरबपति यात्री सवार थे ।
- इन 5 अरबपतियों में एक ओशनगेट (OceanGate) कंपनी के CEO स्टॉकटन रश भी सवार थे ।
- टाइटन में सवार अन्य 4 अरबपतियों में – ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग और पाकिस्तानी टाइकून शहजादा दाऊद और उनके बेटे
एक यात्री के टिकट की कीमत लगभग 2 करोड रुपए थी।
अटलांटिक सागर में डूबे टाइटेनिक जहाज के मलबे को दिखाने के उद्देश्य से गठित या कंपनी यात्रा के लिए हर एक व्यक्ति से 250000 अमेरिकी डॉलर किराया लेती है। अगर इंडियन करेंसी में इस रकम को देखें तो यह 20,488,200 रुपए है।
टाइटन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य हिंदी में |Unknown Facts about Titan Submarine in hindi
यात्रियों के पास मौजूद थी केवल 4 दिन की ऑक्सीजन
टाइटन में सवार 5 अरबपतियों के पास केवल 4 दिन यानी कि 96 घंटे के लिए ही ऑक्सीजन थी। कंपनी का दावा है कि जब उनका टाइटन पनडुब्बी के साथ संपर्क टूटा तो उसके बाद से यात्रियों के लिए 4 घंटे तक की ऑक्सीजन मौजूद थी।
( टाइटन पनडुब्बी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य | Unknown Facts about Titan Submarine in hindi)
6.5 मिलियन से अधिक पनडुब्बी के सर्च अभियान में लग चुके हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक ओशन गेट कंपनी का साल भर का रेवेन्यू 9.5 मिलियन डॉलर है। और पिछले 4,5 दिनों में टाइटन पनडुब्बी के लापता होने के बाद उसकी सर्चिंग में जो रकम लगी है वह 6.5 मिलियन डॉलर से अधिक है।
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image source : ABP News
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