history of NOTA and full details in hindi| क्या है नोटा,जानिए कैसे हुई थी शुरुवात

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NOTA Kya hai in hindi, NOTA full details in hindi,History of NOTA  and full details in hindi,NOTA kya hai in hindi and history of NOTA | NOTA ( नोटा ) क्या है, सबसे पहले नोटा को शुरू करने वाला राज्य,नोटा से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में।

 

Nota kya hai full details:

Nota kya hai full details: लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है ऐसे में सभी लोग अपने अपने मत का प्रयोग कर अपने क्षेत्र के लिए सही संसद का चयन करेंगे ऐसे में जब आप वोट देने के लिए जाते हैं तो वहां पर वोटिंग मशीन में आपको Nota ऑप्शन दिखाई पड़ता हैं। जिसका मतलब साफ है कि अगर आपको अपने क्षेत्र का कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है तो आप इस ऑप्शन का इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब है कि आप अपना वोट किसी भी उम्मीदवार को नहीं दे रहे हैं। हालांकि पहले वोटिंग मशीन में इस प्रकार का कोई विकल्प मौजूद नहीं था। परंतु 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने इस ऑप्शन को वोटिंग मशीन में सम्मिलित किया हैं। ऐसे में कई लोग जानना चाहते हैं ‘ आखिर में नोटा क्या है ? इसका मतदान में क्या महत्व है? किसका इस्तेमाल कौन कर सकता है अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो आज का आर्टिकल में Nota kya hai full details | history of nota and full details in hindi के विषय में पूरी जानकारी आपको आसान भाषा में उपलब्ध करवाएंगे इसलिए हमारा आर्टिकल आप पूरा पढ़िएगा चलिए जान

history of NOTA and full details in hindi | क्या है नोटा,जानिए पूरा इतिहास

Nota full Form in hindi

Nota, का पूरा नाम None of the above होता हैं। यह मतदाता को उम्मीदवार की उम्मीदवारी खारिज करने का अधिकार देता हैं। यानी इसका मतलब साफ है यदि आपको कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है तो आप ईवीएम मशीन में इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं।

NOTA क्या है | NOTA kya hai in hindi and history of NOTA

इसका पूरा नाम क्या है जैसा कि हमने आपको बताया बता दे कि भारत में लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है ।ऐसे में कई चुनाव क्षेत्र में रहने वाले मतदाता को कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं आता है ,ऐसे में वोटिंग के समय मतदाता Nota का प्रयोग करता है ।

इसका सीधा सा मतलब है कि उसे अपने क्षेत्र का कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है और वह अपने उम्मीदवार की उम्मीदवारी को खारिज करता है ।हालांकि पहले के समय ईवीएम मशीन में इस प्रकार का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं था परंतु 2013 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें इस बात का विवरण था कि अगर कोई भी मतदाता जिसे अपने क्षेत्र का कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है, ऐसे में वह उसकी उम्मीदवारी को खारिज करें। इसका भी विकल्प एवं मशीन में होना चाहिए जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश जारी कर कर ऐसी कोई प्रणाली विकसित करने की बात कही ताकि वोट का प्रयोग सही तरीके से किया जा सके।

Nota का चुनाव में क्या महत्व है?


चुनाव में नोटा का विशेष महत्व है क्योंकि इसके द्वारा कोई भी मतदाता अपने मत का प्रयोग सही तरीके से कर सकता है ।जैसा कि आप लोग जानते हैं कि कई बार चुनाव में मतदाता को कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं आता है। ऐसे में इसका उपयोग कर उम्मीदवार की उम्मीदवारी को खारिज करता है यानी उसे कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है ।इसे राजनीतिक पार्टियों को भी एक संदेश जाता है कि वह सही उम्मीदवार अगर चुनाव में उतरते हैं तभी जाकर मतदाता उनके उम्मीदवार को वोट देगा इस प्रणाली के माध्यम से वोट देने की प्रक्रिया काफी पारदर्शी बनेगी और लोग अपने मत का सही प्रयोग कर पाएंगे।

इसलिए चुनाव में नोटा का विशेष महत्व हालांकि बता दे कि अगर नोट में जो भी वोट पड़ते हैं उसे अकाउंट नहीं किया जाता है यानी उन्हें अवैध vote माना जाता हैं। ऐसे में किसी भी लोकसभा क्षेत्र में अगर किसी उम्मीदवार को एक वोट मिला है और दूसरी तरफ अधिकांश vote Nota में आए हैं तो ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग एक वोट पाने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित करेगा

भारत में कब शुरू हुआ नोटा का इस्तेमाल?


पीपुल्स यूनियन फॉप सिविल लिबर्टीज (PUCL) Vs. भारत सरकार के एक केस सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया जिस फैसले के मुताबिक चुनाव आयोग को निर्देश दिए गए थे कि चुनाव में नोटा का इस्तेमाल किया जाए इसके बाद चुनाव आयोग ने पहली बार 2013 में छत्तीसगढ़ में जो राम राजस्थान मध्य प्रदेश और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में नोट प्रणाली का उपयोग किया था जिसका इस्तेमाल कोई भी मतदाता कर सकता था।

वोटिंग में NOTA क्यों आवश्यक है?


वोटिंग प्रक्रिया में nota, क्यों आवश्यक है इसके संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने एक अधिसूचना जारी की थी जिसके मुताबिक कहा गया था कि प्रत्येक मतदाता को अपना असंतोष व्यक्त करने का अधिकार है ऐसे में कोई भी उम्मीदवार जो चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है और पार्टी अगर उसे टिकट देती है तो उसे खारिज करने का अधिकार मतदाता के पास होना चाहिए इसलिए वोटिंग प्रक्रिया में Nota, का ऑप्शन होना है जरूरी है तभी जाकर हम सही लोगों को अपने क्षेत्र का सांसद चुन सकेंगे जिससे हमारे क्षेत्र में विकास हो सके इसके अलावा पार्टियों को भी या सीधा संदेश है कि अगर आप सही उम्मीदवार का चयन चुनाव के लिए नहीं करेंगे तो ऐसे में उसे उम्मीदवारों की उम्मीदवारी मतदाता खारिज करेगा इसलिए पार्टियों को हमेशा वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर सही उम्मीदवार को टिकट देना जरूरी है तभी जाकर जनता पार्टी को वोट देगी

क्या नोटा वास्तव में मायने रखता है?


कई लोग इस बात को लेकर बहस करते हैं कि आखिर में नोटा का चुनाव में क्या मायने हैं। हम आपको बता दे कि चुनाव प्रक्रिया में इसका विशेष मतलब है इसके द्वारा आप किसी भी उम्मीदवार की उम्मीदवारी को खारिज कर सकते हैं इसके अलावा अधिकांश लोग Nota का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसका मतलब बिल्कुल साफ है कि कि मतदाता में असंतोष है और मतदाता किसी भी उम्मीदवार को पसंद नहीं कर रहा है ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों को काफी गंभीरता से इस पर विचार करना होगा तभी जाकर मतदाता के असंतोष को दूर कर सकेंगे क्योंकि चुनाव में मतदाता की भूमिका काफी अहम होती है और उसके द्वारा ही कोई भी पार्टी जीत या हार सकती हैं।

नोटा को वोट कैसे करें?

‘Nota बटन भारतीय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर उम्मीदवारों की सूची के नीचे स्थित है। पहले, मतदाताओं को नकारात्मक मतदान करने के लिए मतदान अधिकारी के पास जाना पड़ता था। हालाँकि, NOTA ने इसकी आवश्यकता को समाप्त कर दिया है।

जोड़ी अन्य जानकारी के लिए आप गवर्नमेंट की वेबसाइट eci.gov.in पर visit कर सकते हैं।

FAQ’ s

NOTA की फुल फॉर्म क्या है?

None of the above(उपरोक्त में से कोई नहीं)

NOTA (नोटा) का प्रयोग भारत में पहली बार किस राज्य ने किया?

छत्तीसगढ़

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