शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है, इतिहास महत्व एवं निबंध | Teachers day Essay and Speech in hindi

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Teachers day 2023: प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य परंपरा का अत्यंत महत्व रहा है। फिर चाहे वह गुरु द्रोण और पांडवों के बीच की गुरु शिष्य परंपरा हो या फिर गुरु द्रोण और एकलव्य के बीच की।

किसी भी देश में एक शिक्षित समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज हमारा देश चंद्रमा और सूरज पर पहुंच गया है । इसरो(ISRO) के इस मिशन की सफलता के लिए भी शिक्षकों का ही महत्वपूर्ण योगदान है, जिन्होंने हमारे देश में ऐसे महान व्यक्तित्व वाले वैज्ञानिकों के निर्माण में अपना योगदान दिया ।

वर्तमान समाज की बात करें तो आज गुरु शिष्य परंपरा कहीं पीछे रह गई है। आज हमारा समाज गुरुओं को वो सम्मान नहीं देता, जिनके वे हकदार है और कहीं ना कहीं इसमें उन शिक्षकों का भी हाथ है जिन्होंने आज शिक्षा को केवल एक व्यवसाय का रूप दे दिया है।

लेकिन इसके विपरीत कई ऐसे शिक्षक भी है जिन्होंने अपने कार्य से शिक्षा जगत में नई क्रांति लाई है। इनमें सबसे ऊपर है “खान सर” के नाम से मशहूर पटना के ‘फैजल खान’ जिनके कोचिंग इंस्टीट्यूट में हजारों की संख्या में विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं।

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अगर आप शिक्षक दिवस ( Teachers day Essay and Speech in hindi) पर भाषण या निबंध लिखना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। इस आर्टिकल में आपको शिक्षक दिवस से जुड़े सारे सवालों का जवाब मिलेगा। शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है, शिक्षक दिवस पर निबंध एवं भाषण (Teachers day Essay and Speech in hindi)

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शिक्षक दिवस पर निबंध एवं भाषण | Teachers day Essay and Speech in hindi

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गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर: गुरुर साक्षात  परम ब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

अर्थात गुरु ब्रह्म है ,गुरु विष्णु है, गुरु देव है, गुरु ही शिव है और गुरुदेव ही साक्षात साकार स्वरूप आदि ब्रह्म है। मैं उन्हीं गुरुदेव को नमस्कार करता हूं।

गुरु को हमारी संस्कृति में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। और ऐसा आज से नहीं बल्कि प्राचीनतम समय से चला आ रहा है। तो आइये शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षकों को मिलकर नमन करें और उनके प्रति अपना आभार व्यक करें।

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन भारतीय गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति थे और एक प्रमुख शिक्षाविद भी थे

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बतायेंगे, शिक्षक दिवस से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के विषय में – शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है, शिक्षक दिवस का इतिहास एवं महत्व तथा शिक्षक दिवस पर निबंध एवं भाषण (Teachers day essay and speech in hindi) ।

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शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? | Teachers day kyon manate hai?

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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन शिक्षक दिवस मनाने का उद्देश्य है कि, शिक्षकों को उचित सम्मान दिलाया जाए और उनके महत्वपूर्ण कार्य का मूल्यांकन किया जाए। डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन एक महान शिक्षक एवं दार्शनिक थे। उन्होंने शिक्षा को अपने जीवन में बहुत महत्व दिया।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के प्रथम द्वितीय राष्ट्रपति थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति का विश्व में प्रचार प्रसार किया एवं शिक्षा को बढ़ावा दिया। सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति थे।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से भी सम्मानित किया गया है।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 में तमिलनाडु के तिरूमानी गांव में हुआ था। सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे थे।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी बीएचयू (BHU) एवं दिल्ली विश्वविद्यालय ( में कुलपति के पद पर भी कार्यरत रहे।

17 अप्रैल 1975 को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था

शिक्षक दिवस का महत्व

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शिक्षक दिवस 2023 (Teachers day essay and speech in hindi)

यह तो हम सभी जानते हैं कि गुरु को सबसे बड़ा दर्जा दिया गया है। गुरु को ईश्वर से भी ऊपर रखा गया है। गुरु हमें अंधकार में प्रकाश की राह दिखाता है। गुरु हमारे भीतर स्थित अज्ञान के अंधेरे को दूर कर हमें प्रकाश का मार्ग दिखाता है।

शिक्षक दिवस का इतिहास | History of Teachers day in hindi

भारत में सर्वप्रथम शिक्षक दिवस 5 सितंबर 1962 को मनाया गया था। इसी दिन भारत के द्वितीय उपराष्टृपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

लेकिन क्या आप जानते हैं, शिक्षक दिवस (Teachers day in hindi) मनाने की शुरुआत कैसे हुई? दरअसल साल 1962 में जब सर्वपल्ली राधा कृष्णन जब राष्टृपति बने तो उनके विद्यार्थियों और मित्रजनों ने उनका जन्म दिवस मनाने की इच्छा जाहिर की।

इस पर राधाकृष्णन जी ने कहा कि अगर 5 सितंबर को उनके जन्मदिन की बजाय ‘शिक्षक दिवस’ (टीचर्स डे) के रूप में मनाया जाए तो यह उनका सौभाग्य होगा।

और तभी से 5 सितंबर 1962 से हर साल उनके जन्म दिवस को पूरे देश में “शिक्षक दिवस” (Teachers day speech and essay in hindi) के रूप में मनाया जाता है।

विश्व शिक्षक दिवस (Word Teachers Day)

भारत में Teachers Day ( शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है) 5 सितंबर को मनाया जाता है लेकिन विश्व स्तर पर 5 अक्टूबर को World Teachers Day मनाया जाता है।

दुनिया के अलग-अलग देश में अलग-अलग दिन टीचर्स डे मनाया जाता है। लेकिन विश्व स्तर पर 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाने के पीछे का कारण यह है कि 5 अक्टूबर 1966 को पेरिस में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था।

सम्मेलन में ‘Teaching in Freedom’ की संधि की गई थी जिसमें टीचर्स के अधिकारों उनकी सुरक्षा और शिक्षा के महत्व पर जोड़ दिया गया था।

इसीलिए विश्व स्तर पर 5 अक्टूबर को ही ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का उद्देश्य

शिक्षक दिवस मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य है समाज को शिक्षक और शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करना। शिक्षक दिवस के अवसर पर हम शिक्षकों के योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं।

एक शिक्षित समाज की नींव की जिम्मेदारी शिक्षकों पर ही होती है। कहते हैं एक बच्चे की पहली शिक्षा का उसकी मां होती है और उसके बाद उसके गुरु या शिक्षक।

हमारे टीचर्स हमारे मार्गदर्शक होते हैं और शिक्षक दिवस के अवसर पर हम सभी को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शिक्षकों के समर्पण और योगदान को महत्व देना चाहिए।

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शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?

शिक्षक दिवस (Teachers day in hindi) के अवसर पर स्कूल एवं कॉलेज में बच्चों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिनमें भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, तथा अन्य कलात्मक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

शिक्षक दिवस (Teachers day in hindi) पर आयोजित गतिविधियों में विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों की भी सहभागिता होती है। विद्यार्थियों द्वारा अपने शिक्षकों को उपहार देकर सम्मानित किया जाता है। विद्यार्थी शिक्षकों की मिमिक्री भी करते हैं।

आज शिक्षक दिवस के अवसर पर हम सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को यह प्रण करना चाहिए कि हम अपनी संस्कृति की गुरु शिष्य परंपरा को जीवित रखने हेतु प्रयास करना चाहिए। और गुरु शिष्य के पवित्र रिश्ते की मर्यादा को कायम रखना चाहिए।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिए गए पुरस्कार एव सम्मान ( Sarvepalii Radhakrishanan Awards and Honours)

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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को शिक्षा एवं समाज के क्षेत्र में दिए गए उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पढ़ के साथ-साथ किताबें लिखने का भी शौक था इसी के चलते उन्हें साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए 16 बार नामित किया गया था।

आईए जानते हैं डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिए गए पुरस्कार एवं सम्मानों के बारे में –

  • शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जॉर्ज पंचम ने उन्हें 1931 में ‘नाइट’ की उपाधि से सम्मानित किया था।
  • विज्ञान और कला के क्षेत्र में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के योगदान के लिए जर्मनी ने 1954 में उन्हें ‘Pour le Mérite’ से सम्मानित किया ।
  • डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन गोकुल 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया।
  • 1954 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रन से सम्मानित किया गया।
  • 1961 में उन्हें जर्मन बुक ट्रेड शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

शिक्षक दिवस के इस अवसर पर मैं अपने समस्त शिक्षकों को नमन करती हूँ और यही आशा करती हूँ कि वे इसी तरह समाज के निर्माण एवं विकास में अपना योगदान देते रहेंगे।

दोस्तों उम्मीद है आपको शिक्षक दिवस पर लिखा गया आज का यह लेख “Teachers day essay and speech in hindi” पसंद आया होगा।

image source : freepik

FAQ’s on Teachers day Essay and Speech in hindi

Teachers day (शिक्षक दिवस) कब मनाया जाता है?

Teachers day (शिक्षक दिवस) हर साल 5 सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है।

World Teachers day ( विश्व शिक्षक दिवस) कब मनाया जाता है?

World Teachers day (विश्व शिक्षक दिवस) 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है

शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर शिक्षकों को सम्मान एवं आभार व्यक्त करने हेतु मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों के कार्य एवं योगदान की सराहना की जाती है।

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