International day of People with Disabilities 2022 | World Disabilities day 2022 in hindi , World disabilities day 2022 Theme | विश्व विकलांगता दिवस 2022 थीम,
3 दिसंबर को पूरा विश्व “World disability day या विश्व विकलांगता दिवस के रूप में मनाता है, तो आज हम International day of People with disability 2022 के अवसर पर बात करेंगे उन successful लोगों की जिन्होंने अपनी कमजोरी को न सिर्फ अपनी ताकत बनाया बल्कि पूरी दुनिया में एक मुकाम हासिल कर खुद को साबित किया।
उन सभी दिव्यांगों की ( Successful People with Disabilities) की जिन्होंने वो कर दिखाया जो हम जैसे नॉर्मल व्यक्ति भी नहीं कर सकते।
World Disabilities day 2022 | विश्व विकलांगता दिवस
विकलांगता हमारे शरीर में नहीं बल्कि हमारे दिमाग में होती है। जी हां अगर हम अपने दिमाग में मान लेंगे कि हम अपने शरीर से विकलांग हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते लेकिन अगर कर कुछ कर दिखाने की इच्छा है तो असमर्थ होते हुए भी हम वो कर सकते हैं जो कि एक समर्थ व्यक्ति भी नहीं कर पाता।
आज World Disabilities day 2022 के दिन हम हम आपके लिए लेकर आये हैं, ऐसे ही कुछ दिव्यांग (disable) और Successful लोगों की कहानी।
विश्व विकलांगता दिवस या विकलांग लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस को हर साल पूरे विश्व में 3 दिसंबर को मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 1992 में विश्व विकलांगता दिवस (World disabilities day 2022 | International day of people with disabilities) मनाने की घोषणा की थी।
World disabilities day 2022 Theme :
“समावेशी विकास के लिए परिवर्तनकारी समाधान: एक सुलभ और न्यायसंगत दुनिया को बढ़ावा देने में नवाचार की भूमिका।”
जानिए उन सफल लोगों को जिन्होंने अपनी विकलांगता को बनाया अपनी ताकत | Successful People with Disabilities (Famous Handicaped People)
3 December 2022( World disabilities day 2022 | विश्व विकलांगता दिवस 2022)
आज विश्व विकलांगता दिवस (World Disabilities day 2022 )के अवसर पर हम बात करेंगे उन हस्तियों की जिनका जीवन हमारे लिए एक मिसाल है हमारे लिए एक इंस्पिरेशन है। इन सभी दिव्यांग लोगों ने वह कर दिखाया है जो कि एक आम इंसान की सोच से भी परे है।
इनका जीवन उन सभी दिव्यांग और अपने जीवन से हताश हुए लोगों के लिए एक उदाहरण है, कि अगर आप ठान लें कुछ कर गुजरने की तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है।
स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking)
इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में जन्मे स्टीफन हॉकिंग 2018 को इस दुनिया को अलविदा कह गये थे। स्टीफन हॉकिंग एक विख्यात Scientist थे जिन्होंने Black whole theory दी।
Stephean Hawking को मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी, जिसमें धीरे धीरे हमारे शरीर का नर्वस सिस्टम काम करना बंद कर देता है और हमारा शरीर चलने फिरने में भी असमर्थ हो जाता है स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी हिस्सा काम नहीं करता था।
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Einstean
दुनिया महान वैज्ञानिक आइंस्टीन मानसिक रूप से बेहद कमजोर माने जाते थे और बाद में आगे चलकर यह एक विख्यात वैज्ञानिक के तौर पर जाने गए।
तीन एक प्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थे जिन्हें प्रकाश विद्युत उत्सर्जन की खोज के लिए 1921 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
हेलेन केलर
हेलन केलर अमेरिका की एक प्रसिद्ध लेखिका व शिक्षक की जो कि देख और सुन नहीं सकती थी। किलर को दुनिया का पहला विकलांग ग्रेजुएट माना जाता है।
सुधा चंद्रन
टेलीविजन जगत का मशहूर चेहरा सुधा चंद्रन को भला कौन नहीं जानता। भरतनाट्यम में पारंगत एक प्रसिद्ध नृत्यांगना जो केवल 3 साल की उम्र से अभिनय कर रही हैं।
एक बस दुर्घटना के दौरान घुटने में लगी चोट की वजह से उनके पैर मे संक्रमण फैलने के कारण उनका पैर काटना पड़ा।
अपने सपने को पूरा करने की कोशिश में पहली पेरफोर्मेंस केवल एक पैर पर दी और audience को चौंका दिया।
आज सुधा चंद्रन एक प्रसिद्ध टीवी कलाकार, फिल्म अभिनेत्री और एक कमाल की नृत्यांगना है।
अरुणिमा सिन्हा
सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने वाली पहली भारतीय दिव्यांग महिला तथा राष्ट्रीय स्तर की बॉलीवुड खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा ने जो कर दिखाया है वह उनके बुलंद हौसले और उनके जज्बे को बयां करता है।
उत्तर प्रदेश की रहने वाली अरुणिमा सिन्हा एक बार जब ट्रेन से लखनऊ से दिल्ली जा रही थी, तो कुछ गुंडों ने उनके गले से चेन छीनने की कोशिश की और उन्हें ट्रेन से नीचे फेंक दिया। पूरी रात अरुणिमा ट्रेन की पटरी पर पड़ी रही। फिर जब उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया तो उन्हें पता चला कि उनका एक पैर काटना पड़ेगा ।
उस छोटे हॉस्पिटल में बेहोशी की दवा भी उपलब्ध नहीं थी जिसे देकर अरुणिमा को बेहोश कर उनका इलाज किया जा सके। अरुणिमा ने अपने होश में ही अपने पैर को काटने और इलाज करने को कहा।
और आज वो भारत की पहली दिव्यांग एवरेस्ट विजेता के रूप में सभी दिव्यांग लोगों के लिए एक उदाहरण हैं।
रवींद्र जैन
रवींद्र जैन एक प्रसिद्ध भारतीय गीतकार और संगीतकार हैं, जो बचपन से ही देख नहीं सकते थे।
रवींद्र जैन के फिल्मी सफर की शुरुआत फिल्म “सौदागर ” से हुई थी। “राम तेरी गंगा मैली” फिल्म के लिए रवींद्र जैन को फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला था।
दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली रामानंद सागर की रामायण में संगीत रवींद्र जैन ने ही दिया था। रामायण से उन्हें घर घर में पहचान मिली।
रुजवेल्ट
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