15 August 1947, भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन जिस दिन हमें अंग्रेजों की 200 साल पुरानी गुलामी से कई सालों के कठिन संघर्ष के बाद आजादी मिली थी।
15 अगस्त 2022 को भारत का 75 वां स्वतंत्रता दिवस है जिसे हमारा देश “आजादी का अमृत महोत्सव ” के रूप में मना रहा है।
आजादी का अमृत महोत्सव
देश के 75 मे स्वतंत्रता दिवस को खास बनाने के लिए केंद्र सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान चलाया है जिसके तहत हम अपने घरों में 13 से 15 अगस्त तक दिन या रात में कभी भी तिरंगे को फहरा सकते हैं।
200 साल भारत को गुलाम रखने के बाद 15 अगस्त के दिन ही क्यों भारत को आजाद किया गया
यह तो हम सभी जानते हैं कि गुलाम देश को आजाद करना कोई आसान काम नहीं था इसमें अनेकों देश भक्तों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए अपना सर्वस्व गवा दिया और जब देश आजाद हुआ तो यह देखने के लिए वे वीर सपूत स्वतंत्र भारत में लहराते हुए तिरंगे को देखने के लिए हमारे मध्य उपस्थित ही नहीं थे।
उन्हें देशभक्तों और वीर सपूतों के बदौलत आज हम स्वतंत्र भारत में गुलामी की जंजीरों से मुक्त होकर रहते हैं।
ब्रिटिश संसद ने भारत की स्वतंत्रता के लिए 30 जून 1948 का दिन निर्धारित किया था और माउंटबेटन को 30 जून 1948 तक भारत की सत्ता भारत को सौंपने का आदेश दिया था।
लेकिन माउंटबेटन ने 30 जून 1948 तक रुकना उचित नहीं समझा और 15 अगस्त 1947 को ही भारत को सत्ता सौंपने का दिन निर्धारित करते हुए, भारत को स्वतन्त्र घोषित किया। और देश के नेताओं को देश की बागडोर सौंप दी।
माउंटबेटेन ने आखिर 15 अगस्त का ही दिन क्यों चुना?
3 जून 1947 का दिन था। शाम 7 बजे तक काफी बहस और चर्चा के बाद लॉर्ड माउंटबेटेन इस नतीजे पर पहुँच गए थे कि भारत का बंटवारा होगा अब घोषणा का समय था।
जब लॉर्ड माउंटबेटेन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे तो उनसे कई सवाल पूछे गए। लेकिन अचानक से एक रिपोर्टर ने उनसे भारत की स्वतंत्रता की तारीख क्या है ? यह सवाल पूछ लिया।
माउंट बेटेन के दिमाग में कई तारीख थी, जो कि उन्होंने सुनिश्चित नहीं की थी।
सवाल पूछे जाने पर , फिर उन्होंने जवाब दिया ‘भारतीय हाथों में सत्ता अंतिम रूप से 15 अगस्त, 1947 को सौंप दी जाएगी..‘।
दरअसल 15 अगस्त के दिन ही जापानी सैना ने लंबे समय से बर्मा के जंगलों में चल रही लडाई में आत्म समर्पण किया था। जिसकी दूसरी वर्षगांठ थी।
जिस कारण इस दिन का दिन माउंट बेटेन के लिए बेहद खास था और उन्होंने इसी दिन भारत को स्वतंत्र करने का निश्चय किया।
स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने कहा था- अगर भारत के तत्कालीन वायसराय “लॉर्ड माउंटबेटन” ने 1948 तक का इंतजार किया होता तो रोकने के लिए कोई सत्ता बचती ही नहीं।
भारत की स्वतंत्रता के साथ-साथ पाकिस्तान की मांग को लेकर मोहम्मद अली जिन्ना और उनके समर्थक भी आक्रोश में थे। जिस कारण माहौल भी काफी गंभीर था। दोनों पक्षों को देखते हुए लॉर्ड माउंट बेटेन ने ज्यादा देर करना उचित नहीं समझा।
15 अगस्त से जुड़े रोचक तथ्य :
1.14 अगस्त की मध्यरात्रि को मिली थी भारत को स्वतंत्रता।
2. जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के बुलाने पर भी महात्मा गांधी स्वतंत्रता के जश्न में शामिल नहीं हुए।
जिस दिन पूरा देश भारत की स्वतंत्रता का दिल्ली में जश्न मना रहा था उसी दिन भारत के स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाने वाले व्यक्ति महात्मा गांधी वहां मौजूद नहीं थे।
महात्मा गांधी बंगाल के नोआखली में हिंदू मुस्लिमों के बीच होने वाली सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन पर बैठे थे और उन्होंने जश्न में शामिल होने से मना कर दिया था।
3.नेहरू ने मध्य रात्रि में अपना भाषण वायसराय लॉज (वर्तमान राष्ट्रपति भवन)से दिया जिसे “Trist with destiny” कहा गया।
11 बजकर 55 मिनट पर संसद के सेंट्रल हॉल से नेहरू ने ऐलान किया –” आधी रात को जब पूरी दुनिया सो रही है, भारत जीवन और स्वतंत्रता की नई सुबह के साथ उठेगा। ” मूसलाधार बारिश हो रही थी लेकिन फिर भी दिल्ली में लाखों लोग जमा थे।
नेहरू के इस भाषण को बीसवीं सदी के सबसे जोरदार भाषणों में माना जाता है।
4. महात्मा गांधी नेहरू का भाषण सुने बिना ही सो गए थे।
पूरे देश ने जवाहरलाल नेहरू का भाषण सुना लेकिन महात्मा गांधी उससे पहले ही सोने चले गए थे।
5.भारत से पहले 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया था।
6.15 अगस्त को भारत और पाकिस्तान के मध्य सीमा रेखा निर्धारित नहीं हुई थी इसका निर्धारण Redcliff ने 17 अगस्त को किया जिससे “रेडक्लिफ लाइन” कहा जाता है।
7.भारत का अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था।
इस दिन भारत आजाद हो चुका था लेकिन भारत का अपना कोई राष्ट्रगान नहीं था। जबकि रवींद्रनाथ टैगोर ने जन- गण- मन 1911 में ही इसे लिख दिया था लेकिन इसे राष्ट्रगान 1950 में बनाया गया।
8.ज्योतिषियों ने 15 अगस्त के दिन को बताया था अशुभ
जैसे ही लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा तय की गयी 15 अगस्त की तिथि को रेडियो पर घोषित किया गया ,भारत के ज्योतिष और पंडितों ने 15 अगस्त के दिन को बहुत ही अशुभ बताया।
ज्योतिषों ने अपना पंचांग देख कर कहा 15 अगस्त के दिन स्वतंत्र होने से अच्छा है भारत एक दिन और अंग्रेजों के अधीन रहे।
कोलकाता में स्वामी मदनानंद ने कहा-‘ यह क्या अनर्थ कर दिया इन लोगों ने…’।
उन्होंने लॉर्ड माउंटबेटन को पत्र भी लिखा जिसमें लिखा था कि भारत को 15 अगस्त को स्वतंत्रता ना दी जाए । अगर 15 अगस्त को भारत को स्वतंत्रता मिली तो भारत में बाढ़ अकाल और महामारी फैल जाएगी।
लेकिन इस पत्रकार लॉर्ड माउंटबेटन पर कोई फर्क नहीं पड़ा और भारत को आखिरकार 15 अगस्त के दिन ही ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिल गई।
9.जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से फहराया था झंडा
15 अगस्त से जुड़ी कुछ अन्य घटनाएं:
- 15 अगस्त के दिन ही भारत के अलावा तीन और देशों का भी स्वतंत्रता दिवस है।
- दक्षिण कोरिया : दक्षिण कोरिया को जापान से 15 अगस्त 1945 को आजादी मिली
- बहरीन : ब्रिटेन से बहरीन 15 अगस्त 1971 ko अलग हुआ।
- कांगो : France से कांगो को 15 अगस्त 1960 में स्वतंत्रता मिली।
- 15 अगस्त 1519 को पनामा शहर बना था।
- 15 अगस्त 1772 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने अलग अलग जिलों में सिविल और अपराधिक अदालतों के गठन का फैसला किया।
- 15 अगस्त 1854 को East India Railway ने कलकत्ता से हुगली तक पहली यात्री ट्रेन चलाई थी, जिसका संचालन 1855 से शुरू हुआ था।
- 15 अगस्त 1950 के दिन असम में भीषण भूकंप आया था, जिसमें लगभग 1500-3000 लोग मारे गए थे।
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