राष्ट्रीय एकता दिवस क्या है, राष्ट्रीय एकता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, मनाने का तरीका,महत्व ,स्लोगन व नारे, राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध
- राष्ट्रीय एकता दिवस [2022] निबंध| Rashtriya Ekta Divas 2022
- राष्ट्रीय एकता दिवस क्या है व कब मनाया जाता है?(Rashtriya Ekta Divas Kya hai, kab Manaya jata hai)
- राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है ( Rashtriya Ekta Divas Kyon Manaya Jata hai)
- राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत कब हुई? (History of Rashtriya Ekta Divas)
- राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व(Rashtriya Ekta Divas ka Mahtv)
- राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का तरीका(Rashtriya Ekta Divas Celebration)
- राष्ट्रीय एकता दिवस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु (Important Point about Rashtriya Ekta Divas)
- Statue Of Unity से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- राष्ट्रीय एकता दिवस के स्लोगन तथा नारे(Rashtriya Ekta Divas Slogan and Nare)
राष्ट्रीय एकता दिवस [2022] निबंध| Rashtriya Ekta Divas 2022
image source : edristi.in
भारत के पहले उप प्रधानमंत्री तथा भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले “सरदार वलभ भाई पटेल” का भारत के राजनीतिक एकीकरण के लिए किए गए प्रयासों और योगदान को याद करने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
सरदार पटेल के जन्म दिन के दिन 31 अक्टूबर को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए “राष्ट्रीय एकता दिवस” मनाया जाता है। सरदार पटेल ने हमारे देश को एक सूत्र में पिरोने और देश की अखंडता को बनाये रखने के लिए जो प्रयास किए, वह कोई असाधारण व्यक्ति ही कर सकता है।
सरदार पटेल के द्वारा देश के लिए जो योगदान दिया गया, उनके उसी योगदान की स्मृति में हर साल 31 October को National Unity Day या राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस क्या है व कब मनाया जाता है?(Rashtriya Ekta Divas Kya hai, kab Manaya jata hai)
किसी भी देश के विकास और प्रगति का मार्ग उस देश की एकता और अखंडता में निहित होता है। भारत जैसा देश जहाँ अलग अलग धर्म, जाति, संप्रदाय के लोग रहते हैं, ऐसे में देश का सशक्त और एकता की भावना से परिपूर्ण होना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
भारत देश की 200 साल गुलामी का एक प्रमुख कारण एकता में कमी होना ही था। और आज भी हम किसी ना किसी रूप में इस समस्या से जूझ रहे हैं, चाहे वह राजनीतिक विचारधारा में मतभेद हो या हमारी धार्मिक विचारधारा हो या फिर आपसी मतभेद हो।
हमारे देश में आजादी से पहले विभिन्न राजाओं और शासकों ने शासन किया, जिनके राजनीतिक और वैचारिक मतभेद के कारण ही ब्रिटिश शासन की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति ने भारत को इतने सालों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ कर रखा।
राष्ट्रीय एकता देश में रहने वाले लोगों के दिलों में स्थित वह भावना है, जो हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई की भावना से परे भारतीय होने का एहसास दिलाती है।
केंद्र सरकार ने साल 2014 से राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का निर्णय लिया । केंद्र सरकार का मानना था कि देश की बदकिस्मती है जो सरदार पटेल के योगदान के विषय में आज भी लोग अंजान हैं।
इसीलिए सरदार पटेल की जयंती के दिन 31 अक्टूबर के दिन ही राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस के दिन हम सरदार पटेल को नमन कर उनके कार्यों और उस नामुमकिन काम को मुमकिन करने के लिए उन्हें श्रधांजलि अर्पित करते हैं,जो शायद ही कोई और व्यक्ति कर पाता।
सरदार पटेल ने देश की आजादी के बाद 562 देशी रियासतों का भारत में विलीनीकरण करके देश को एकता के सूत्र में बाँधा और स्वतंत्र भारत की मजबूत नींव रखी।
राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है ( Rashtriya Ekta Divas Kyon Manaya Jata hai)
जब हमारा देश आजाद हुआ ,उस समय यह 562 छोटी बड़ी रियासतों में बंटा हुआ था । उन 562 रियासतों को एक संगठित शक्ति के रूप में सामने लेकर आना कोई आसान काम नहीं था।
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपने प्रयासों से देश के राजनीतिक एकीकरण को सफल बनाते हुए 500 से अधिक उन छोटी – बड़ी रियासतों को संगठित कर देश को एक नई पहचान दिलाई।
इसीलिए हर साल 31 अक्टूबर को हर साल सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत कब हुई? (History of Rashtriya Ekta Divas)
केंद्र सरकार द्वारा साल 2014 में पहली बार 31 october को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) मनाने का निर्णय लिया गया ।
तभी से हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल कि जयंती के दिन ही राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
भारत के पहले उप प्रधान मंत्री तथा पहले गृहमंत्री सरदार पटेल की स्मृति में 31 अक्टूबर 2013 में गुजरात के केवड़िया में एक विशाल स्मारक ‘Statue of Unity‘ का शिलान्यास किया गया।
और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में सरदार पटेल के जन्मदिन के दिन 31 अक्टूबर को किया
सरदार पटेल की यह मूर्ती बहुत ही भव्य और दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति है जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखा गया था।
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व(Rashtriya Ekta Divas ka Mahtv)
यह तो हम सभी जानते हैं कि भारत विविधताओं का देश है। जहां अलग-अलग धर्म जाति भाषा बोली के लोग रहते हैं और यह सभी लोग अपने अपने धर्म संप्रदाय के अनुसार अपने-अपने त्योहार रीति रिवाज और संस्कृति का अनुसरण करते हैं।
विविधताओं से भरे ऐसे देश में देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है।
इसीलिए देश की एकता को स्थापित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का फैसला किया।
राष्ट्रीय एकता दिवस का मुख्य उद्देश्य (Main Purpose Of Rashtriya Ekta Divas) :
- देश की जनता के मध्य एकजुटता के भाव को बनाकर रखना।
- देश के लिए सरदार पटेल के योगदान को हमेशा याद रखना।
- देश में रहने वाले लोगों के बीच अनेकता में एकता का भाव बनाए रखना।
- देश की युवा पीढ़ी को एकता के महत्व को समझाना और उन्हें यह एहसास दिलाना कि हमारा देश और हम प्रगति के मार्ग पर तभी अग्रसित हो सकेंगे,जब हम सब मिलकर एक होकर काम करेंगे।
राष्ट्रीय एकता दिवस 2022 थीम
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस की हर साल एक अलग थीम चुनी जाती है।
31 अक्टूबर 2022 को सरदार पटेल की 146वीं जयंती के रूप में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जायेगा। इस साल की थीम अभी नहीं चुनी गयी है।
राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का तरीका(Rashtriya Ekta Divas Celebration)
राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर सरकारी कार्यालयों में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें निम्न शपथ ली जाती है –
“मैं सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए खुद को समर्पित करता हूं और अपने साथी देशवासियों के बीच इस संदेश को फैलाने का भी प्रयास करता हूं। मैं यह प्रतिज्ञा अपने देश के एकीकरण की भावना से लेता हूं, जिसे संभव बनाया गया था। सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता और कार्यों से मैं भी अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान देने का सत्यनिष्ठा से संकल्प लेता हूं।”
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सरदार पटेल की 139वीं जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का फैसला किया।
इस साल 2022 में लौह पुरुष सरदार पटेल की यह 147वीं जयंती है।
राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष पर देश भर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
एकता दिवस के विषय पर लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए देश भर में “रन फॉर यूनिटी“(Run for Unity) मैराथन का आयोजन किया जाता है जिसमें देश भर के विभिन्न गांव और शहरों से लोग इस मैराथन में भाग लेते हैं।
इस मौके पर दिल्ली के पटेल चौक और पार्लियामेंट स्ट्रीट पर सरदार पटेल की मूर्ति पर माला चढ़ाई जाती है
दिल्ली के राजपथ में सुबह 8:30 बजे विजय चौक से इंडिया गेट के बीच मैराथन दौड़ी जाती है, जिसमें आम जनता के साथ साथ बहुत से अभिनेता व राजनेता भी हिस्सा लेते हैं।
स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थानों में कविता,भाषण, पोस्टर ,बैनर जैसे विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु (Important Point about Rashtriya Ekta Divas)
Statue Of Unity से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- स्टैचू ऑफ यूनिटी सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशाल एवं भव्य मूर्ति है जिसकी नींव नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार पटेल की 138 वी जयंती पर 31 अक्टूबर 2013 को रखी गयी।
- सरदार पटेल की यह भव्य मूर्ति स्टैचू ऑफ यूनिटी गुजरात के केवड़िया जिले में नर्मदा नदी के तट पर साधु बेटा नामक द्वीप पर बनी है।
- स्टैचू ऑफ यूनिटी की लंबाई 182 मीटर है जो दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है ।
- अभिकल्पना : स्टैचू ऑफ यूनिटी की यूनिटी का डिजाइन मूर्तिकार राम सुतार द्वारा तैयार किया गया है जिन्हें भारत सरकार द्वारा पदम भूषण से सम्मानित किया गया है।
राष्ट्रीय एकता दिवस के स्लोगन तथा नारे(Rashtriya Ekta Divas Slogan and Nare)
सरदार पटेल का एक विख्यात नारा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत ‘ आज भी उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति और स्वतंत्र भारत के लिए उनकी परिकल्पना को दर्शाता है।
- अनेकता में एकता, भारत की है विशेषता।
- एकता हमारी पहचान है और भारत की यह शान है
- कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी , है भारत माता एक हमारी।
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