महात्मा गाँधी जीवन परिचय, हत्या, जन्म, शिक्षा, राजनीतिक आंदोलन, महात्मा गाँधी जीवनी, Mahatma Gandhi biography in hindi, Mahatma Gandhi Jeevan Parichay in hindi, Gandhi Jayanti speech ,
कड़े संघर्ष और देशभक्तों के बलिदान के बाद हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 के दिन आजाद हुआ। स्वतंत्रता सेनानियों की बात करें तो भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, उधम सिंह, राजगुरु , सुखदेव जैसे कई ऐसे देशभक्त हुए जिन्होंने देश के लिए अपना लहू बहा दिया। और इसके विपरीत कई देशभक्त ऐसे थे जिन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को स्वतंत्र करना उचित समझा।
और ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों में सबसे पहला नाम आता है महात्मा गांधी का। हमारे देश को स्वतंत्र करने के लिए कई महापुरुषों ने त्याग एवं बलिदान दिया किंतु अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले महापुरुषों में सर्वप्रथम अगर किसी महापुरुष को याद किया जाता है तो वह है महात्मा गांधी।
आज के इस लेख में हम महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े सभी तथ्यों पर जानकारी देने जा रहे हैं तो आईए जानते हैं महात्मा गांधी का जीवन परिचय ( Mahatma Gandhi biography in hindi) , महात्मा गांधी की शिक्षा महात्मा गांधी के द्वारा किये गए आंदोलनों के विषय में।
महात्मा गाँधी का जीवन परिचय |Mahatma Gandhi biography in hindi
Mahatma Gandhi biography in hindi, Mahatma Gandhi Jeevan Parichay Hindi me,
राष्ट्रपिता के नाम से जाने जाने वाले महापुरुष महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर के दिन हुआ था और इस दिन हमारे देश भारत में राष्ट्रीय अवकाश(National Holiday | National Festival) होता है। वैसे तो हमारे देश में कई त्यौहार एवं उत्सवों के दिन अवकाश होता है लेकिन अगर राष्ट्रीय अवकाश (National Holiday) की बात करें तो देश में तीन दिन नेशनल हॉलिडे रहता है जिस में होली, दीपावली एवं गांधी जयंती ( Gandhi Jayantee) शामिल है।
- महात्मा गाँधी का जीवन परिचय |Mahatma Gandhi biography in hindi
- महात्मा गाँधी जीवनी ( Mahatma Gandhi biography in hindi)
- महात्मा गाँधी का जन्म
- महात्मा गाँधी का प्रारंभिक जीवन (Early Life of Mahatma Gandhi)
- महात्मा गांधी की शिक्षा (Mahatma Gandhi Education)
- महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका की यात्रा
- महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी
- स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका
- महात्मा गांधी द्वारा किए गए आंदोलन
- महात्मा गांधी के अनमोल विचार (Famous Quotes of Mahatma Gandhi in hindi)
- महात्मा गांधी द्वारा लगाए गए नारे
- महात्मा गांधी की पुस्तकें (Books of Mahatma Gandhi)
- महात्मा गांधी द्वारा संचालित समाचार पत्र
- महात्मा गांधी की मृत्यु (death of Mahatma Gandhi)
- FAQ’s on Mahatma gandhi biography in hindi
महात्मा गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर पूरे देश में गांधी जयंती का अवकाश होता है। अगर आप गांधी जयंती पर निबंध एवं भाषण लिखना चाहते हैं तो आपको इसलिए के माध्यम से गांधी जी के जीवन के विषय में संपूर्ण जानकारी दी जा रही है ।
आईए जानते हैं महात्मा गांधी का जीवन परिचय ( Mahatma Gandhi biography in hindi) हिंदी में (Mahatma Gandhi Jeevan Parichay Hindi me)
पूरा नाम | मोहनदास करमचंद गांधी |
जन्मतिथि | 2 अक्टूबर, 1869 |
जन्म स्थान | पोरबंदर, गुजरात |
पिता का नाम | करमचंद गाँधी |
माता का नाम | पुतलीबाई |
प्रारंभिक शिक्षा | गुजरात |
पत्नी का नाम | कस्तूरबा गांधी |
हरिलाल मणिलाल रामदास देवदास | |
जाति | गुजराती |
धर्म | हिंदू |
शिक्षा | बैरिस्टर |
30 जनवरी 1948 | |
हत्या करने वाला | नाथूराम गोडसे |
समाधि | राजघाट, नई दिल्ली |
उपाधि | राष्ट्रपिता |
महात्मा गाँधी जीवनी ( Mahatma Gandhi biography in hindi)
महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवन भर सत्य और अहिंसा की लडाई लड़ी । महात्मा गांधी के विचारों ने कई नेताओं एवं महापुरुषों का मार्गदर्शन किया एवं उन्हें जीवन के हर मोड़ पर प्रेषित किया। महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे ने भी गांधी जी के विषय में कहा कि उनके दिल में गांधी जी के प्रति सम्मान है किंतु वह भारत के विभाजन के लिए गांधी जी को जिम्मेदार मानते हैं।
महात्मा गांधी जी के विषय में अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था –
” हजार साल बाद आने वाली नस्लें इस बात पर मुश्किल से विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई व्यक्ति भी धरती पर कभी आया था। “ -अल्बर्ट आइंस्टीन
महात्मा गाँधी का जन्म
महात्मा गांधी 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक समृद्ध गुजराती परिवार में जन्मे थे। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी एवं माता का नाम पुतलीबाई था। गांधी जी के पिता पोरबंदर के दीवान थे एवं उनकी मां पुतलीबाई एक धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी।
महात्मा गाँधी का प्रारंभिक जीवन (Early Life of Mahatma Gandhi)
महात्मा गांधी जब केवल 13 वर्ष के थे तो उनका विवाह कस्तूरबा से हो गया था, उसे समय कस्तूरबा की उम्र 14 वर्ष की थी।
1887 में महात्मा गांधी ने अपनी मैट्रिक की परीक्षा पास की एवं 1888 में उन्होंने भावनगर में सामलदास कॉलेज में अपना एडमिशन लिया। समाज दास कॉलेज से महात्मा गांधी ने अपनी डिग्री प्राप्त की।
महात्मा गांधी की शिक्षा (Mahatma Gandhi Education)
समन दास कॉलेज से अपनी डिग्री प्राप्त करने के बाद महात्मा गांधी उच्च शिक्षा के लिए लंदन चले गए। लंदन जाकर महात्मा गांधी ने बैरिस्टर की पढ़ाई की और फिर वह भारत बैरिस्टर बनकर लौटे।
गांधी जी का विवाह 13 वर्ष की आयु में ही हो गया था जब यह 15 वर्ष के थे तो उनके पहले पुत्र का जन्म हुआ जिसकी कुछ समय बाद ही मृत्यु हो गई थी। कस्तूरबा गांधी ने हमेशा गांधी जी के आंदोलन में उनके साथ दिया। Q
गांधी जी के चार पुत्र हुए जिनका नाम हरिलाल मणिलाल रामदास एवं देवदास था
महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका की यात्रा
महात्मा गांधी जब अपनी बैरिस्टर पूरी करने के बाद राजकोट में आकर गांधी जी ने वकालत करनी प्रारंभ कर दी । इसी दौरान 1895 में दक्षिण अफ्रीका से उन्हें भारतीय व्यापारी सेठ अब्दुल्ला ने अपना मुकदमा लड़ने के लिए वहां बुलाया और गांधी जी दक्षिण अफ्रीका चले गए।
एक बार गांधी जी ट्रेन के माध्यम से डरबन से प्रिटोरिया जा रहे थे उन्होंने ट्रेन की फर्स्ट क्लास की टिकट बुक की थी। लेकिन क्योंकि उसे समय अफ्रीका में अश्वेत और एशियाई लोगों को फर्स्ट क्लास में बैठने की अनुमति नहीं थी इसलिए टिकट चेक करने गांधी जी को पीटरमारिट्जबर्ग स्टेशन पर ही धक्के देकर बाहर निकाल दिया।
इस घटना ने महात्मा गांधी पर बहुत गहरा प्रभाव डाला और उन्हें अंदर से पूरी तरह झकझोर दिया। महात्मा गांधी जी ने ठान लिया कि उन्हें नस्ल भेद के खिलाफ आवाज उठानी ही होगी।
इस घटना के बाद महात्मा गांधी ने अफ्रीका में नस्ल भेद के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। 1894 में महात्मा गांधी ने अफ्रीका में नेतल कांग्रेस की स्थापना की।
।
महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी
महात्मा गांधी 1916 में दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे और देशवासियों की स्थिति को देखकर अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया।
दक्षिण अफ्रीका से लौट के बाद महात्मा गांधी ने पूरे देश को अंग्रेजों से लड़ने के लिए एकजुट किया एवं अहिंसा के मार्ग पर चलने का पाठ सिखाया।
स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका
महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीयों का सहयोग देने के लिए एक शर्त रखी, किस युद्ध के बाद अंग्रेज भारत को स्वतंत्र कर देंगे । किंतु अंग्रेजों ने ऐसा नहीं किया इसके बाद महात्मा गांधी ने देश को स्वतंत्र करवाने के लिए अनेकों आंदोलन किये।
महात्मा गांधी द्वारा किए गए आंदोलन
चंपारण आंदोलन (1918)
महात्मा गांधी द्वारा सन 1918 में चंपारण आंदोलन की शुरुआत की गई। दरअसल अंग्रेजों द्वारा भारतीय किसानों को नील की पैदावार के लिए बातें किया जा रहा था एवं उन्हें इस नील को एक निश्चित कीमत पर बेचने के लिए भी मजबूर किया गया।
गरीब किसानों को इसके चलते बहुत नुकसान हो रहा था इसीलिए किस ऐसा नहीं चाहते थे। जब गांधी जी को इस बात का पता चला तो उन्होंने बिना किसी हिंसा के आंदोलन शुरू किया एवं अंग्रेजों के सामने अपनी बात रखी और वह इस आंदोलन में सफल भी हुए।
खिलाफत आंदोलन (1919)
असहयोग आंदोलन (1920)
गांधी जी द्वारा 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत की गई यह आंदोलन पहला राष्ट्रव्यापी आंदोलन था। इस आंदोलन को 13 अप्रैल 1919 में हुई जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में शुरू किया गया था जिसमें रॉलेट एक्ट के विरोध में एक सभा का आयोजन किया गया था एवं जनरल डायर द्वारा निहती भीड़ पर गोलियां चला दी गई जिसमें हजारों निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।
गांधी जी का मानना था कि बिना भारतीयों के सहयोग के अंग्रेज अपना शासन नहीं चला सकते इसीलिए उन्होंने पूरे भारतवासियों से अपील की कि वे अंग्रेजों को सहयोग ना दे।
इस आंदोलन के फल स्वरुप लोगों ने सरकारी नौकरी छोड़कर विदेशी सामानों का बहिष्कार किया किंतु 1922 में हुई चोरी चोरा हत्याकांड के बाद महात्मा गांधी ने व्यथित होकर इस आंदोलन को वापस ले लिया।
चौरी चौरा कांड
सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 (Civil disobedience Movement)
ब्रिटिश सरकार ने 1930 में भारतीयों को नमक बनाने पर रोक लगा दी थी जिसके कारण आम जनता के लिए नमक का उत्पादन बंद हो गया था। महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार के इस कानून के विरोध में दांडी यात्रा का आयोजन किया जिसमें उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध जाकर नमक बनाया।
महात्मा गांधी द्वारा 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम अहमदाबाद से दांडी यात्रा शुरू की गई । जिसमें उनके साथ 78 सत्याग्रही भी थे तथा यह यात्रा 24 दिनों तक चली।
24 दिनों तक यात्रा करने के बाद गांधी एवं उनके साथ अन्य सत्याग्रह ही डंडी के तट पर पहुंचे जहां पर उन्होंने नमक बनाकर ब्रिटिश कानून को तोडा। और इसी के साथ सभी ने आंदोलन भी शुरु हो गया।
भारत छोड़ो आंदोलन 1942 (Quit India Movement)
1942 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया भारत छोड़ो आंदोलन अंग्रेजों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती साबित हुआ। यह अब तक के आंदोलन में सबसे अधिक मजबूत था।
इस आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा भी दिया। पूरा देश आप अपनी स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ खड़ा हो गया था।
भले ही आंदोलन उतना सफल नहीं रहा लेकिन इस आंदोलन के चलते ब्रिटिश हुकूमत कोई है संदेश मिल चुका था कि आप भारत में उनका शासन अधिक समय तक नहीं टिकेगा। एक न एक दिन उन्हें भारत को स्वतंत्र करना ही होगा।
महात्मा गांधी के अनमोल विचार (Famous Quotes of Mahatma Gandhi in hindi)
स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी। क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं। आँख के बदले में आँख, पूरे विश्व को अँधा बना देगी। खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।
महात्मा गांधी के विचार आज भी हमारे लिए उतना ही प्रेरणादाई है जीतने की स्वतंत्रता के समय देश की जनता के लिए हुआ करते थे। तो आईए जानते हैं महात्मा गांधी के अनमोल विचारों को-
महात्मा गांधी द्वारा लगाए गए नारे
- हिंसा परमो धर्म
- करो या मरो
- बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, और बुरा मत कहो
- सादा जीवन उच्च विचार
महात्मा गांधी की पुस्तकें (Books of Mahatma Gandhi)
- हिंद स्वराज (1909)
- दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (1924)
- मेरे सपनों का भारत (India of My Dreams)
- ग्राम स्वराज ( Village Swaraj)
- सत्य के साथ मेरे प्रयोग एक आत्मकथा 1927 (The story of My experiments with truth)
- गीता बोध
- बापू की सीख
- गाँधी गंगा
महात्मा गांधी द्वारा संचालित समाचार पत्र
इंडियन ओपिनियन :
दक्षिण अफ्रीका में नस्ल भेद के खिलाफ गांधी जी ने पहला समाचार पत्र निकाला था।
नवजीवन पत्र
महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया अखबार था जो की हिंदी और गुजराती में संपादित किया जाता था
यंग इंडिया
यंग इंडिया महात्मा गांधी द्वारा अंग्रेजी में संचालित किया गया साप्ताहिक पत्र था।
हरिजन
महात्मा गांधी ने समाज में स्थित दलित वर्ग के उत्थान के लिए हरिजन पत्रिका का संपादन किया था।
महात्मा गांधी की मृत्यु (death of Mahatma Gandhi)
महात्मा गांधी को 30 जनवरी 1948 में नाथूराम गोडसे द्वारा तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। 30 जनवरी को शाम 5:15 पर गांधी जी बिरला हाउस में प्रार्थना सभा की ओर भागते हुए जा रहे थे तभी उनके स्टाफ के एक सदस्य गुरु भजन सिंह ने गाड़ी देखते हुए कहा कि बापू आज आपको थोड़ी देर हो गई।
गांधी जी ने हंसते हुए जवाब दिया जो लोग देर करते हैं उन्हें सजा मिलती है और इसी के 2 मिनट बाद ना तो रामकोट से ने अपनी बेरेटा पिस्टल से महात्मा गांधी पर तीन गोलियां चला दी।
महात्मा गांधी की हत्या के जुर्म में नाथूराम गोडसे के साथ नारायण आपके को भी फांसी की सजा सुनाई गई एवं अन्य पांच लोग विष्णु कर करें मदनलाल पाव शंकर की दया गोपाल गोडसे और तारीख भर चुके को उम्र कैद की सजा हुई।
image source: wallpapercave.com
FAQ’s on Mahatma gandhi biography in hindi
महात्मा गांधी का जन्म कब हुआ?
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था
महात्मा गांधी की हत्या किसने की
महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा की गई
महात्मा गांधी ने कौन सा नारा दिया था
महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ‘करो या मरो’ का नारा दिया था
1 thought on “महात्मा गाँधी जीवन परिचय, गाँधी जयंती| Mahatma Gandhi biography in hindi, Jeevan Parichay”