Cyclone Biparjoy : साइक्लोन बिपरजॉय से जुड़े रोचक तथ्य | Cyclone Biparjoy Intresting Facts in hindi

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अरब सागर में उठा साइक्लोन बिपरजॉय दिन पर दिन काफी खतरनाक रूप लेता जा रहा है जिसके चलते भारत सरकार ने अरब सागर के तटीय राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया है।

IMD (भारतीय मौसम विज्ञान) गाड़ी है कि 15 जून को बिपरजॉय चक्रवात राजस्थान में लैंडफॉल करेगा। Biparjoy cyclone की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार एवं संबंधित राज्य स्थिति पर नजर रखे हुए है।

cyclone biparjoy की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए गुजरात के तटीय क्षेत्रों से 300 लोगों को दूसरे सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया।

आइए जानते हैं साइक्लोन बिपरजॉय ( Biparjoy) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य ( Cyclone Biparjoy Intresting Facts in hindi )

चक्रवाती तूफान क्यों आते हैं

Biparjoy cyclon के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि चक्रवाती तूफान क्यों आते हैं?

जब समुद्री जल का तापमान बढ़ता है जो समुद्र के सतह की हवा गर्म हो जाती है और गर्म होकर या ऊपर उठने लगती है। जिसे उसी स्थान पर कम दबाव का क्षेत्र बनता है। इसे भरने के लिए पास की ठंडी हवा कम दबाव वाले क्षेत्र की ओर बढ़ने लगती है।

ठंडी और गर्म हवाओं के मिलने से चक्रवाती तूफान का जन्म होता है , जिससे तेज हवाओं के साथ बारिश भी होती है।

साइक्लोन बिपरजॉय से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य (Cyclone Biparjoy intresting Facts in hindi)

  • बिपरजॉय अरब सागर में उठा एक बहुत ही खतरनाक चक्रवात है , जिसका अर्थ है तबाही या आपदा।
  • चक्रवात का नाम भी पड़ जाए बांग्लादेश की तरफ से सुझाया गया है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी की तरफ से जो भी चक्रवात आते हैं उनके नाम उसी के आसपास के देश रखते हैं।
  • फिल्म नगरी मुंबई में आईएमडी (IMD) ने येलो अलर्ट जारी कर दिया है।
  • पूर्वी मध्य अरब सागर में बने इस चक्रवाती तूफान ने काफी खतरनाक रूप ले लिया है, जिसके चलते गुजरात कर्नाटक महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
  • बिपरजॉय चक्रवात अभी तक भारत को सबसे लंबे समय तक प्रभावित करने वाले चक्रवात के रूप में देखा जा रहा है ।
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मृत्युंजय महापात्र के अनुसार एंटी साइक्लोनिक सरकुलेशन के कारण धीमी गति से आगे बढ़ रहा है एवं यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान है।
  • IITM की study के अनुसार 1982 से पहले अरब सागर में उठने वाले चक्रवात ओं की संख्या काफी कम थी लेकिन 1982 के बाद चक्रवात ओं की संख्या में 52% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वही बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात ओं की संख्या में 8% की कमी देखने को मिली है।

आइए जानते हैं चक्रवात भी पड़ जाए का नाम भी पड़ जाए किस देश ने दिया ।

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चक्रवातों को नाम क्यों दिया जाता है ?

कई बार ऐसा होता है कि एक समय में एक से ज्यादा चक्रवाती तूफान उठ जाते हैं , ऐसी स्थिति में चक्रवातों के विषय में भविष्यवाणी करनी हो, तो भ्रम की स्थिति से बचने के लिए चक्रवातों को नाम दिया जाता है। जिससे कि चक्रवातों के विषय में सटीक भविष्यवाणी की जा सके।

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किस देश ने दिया चक्रवात का नाम बिपरजॉय :

ये तो आप सभी जानते होंगे कि अक्सर चक्रवातों के जो नाम सुनने में आते हैं वो बड़े ही अजीब होते हैं। चक्रवाती तूफानों के नाम अलग-अलग देशों द्वारा रखा जाता है ।

बिपरजॉय साइक्लोन को यह नाम बांग्लादेश के द्वारा दिया गया है। बंगाली में बिपरजॉय का मतलब आपदा या तबाही से है।

इस नाम को WMO( विश्व मौसम विज्ञान संगठन) देशों द्वारा 2020 में अपनाया गया था।

यूएन के ESCAPE (Economic and social commition for Asia and Pacific) पैनल के 13 सदस्य देश उत्तरी हिंद महासागर में उठने वाले चक्रवातों के नाम तय करते हैं। राष्ट्र ने अपने बातों के नामकरण के लिए अलग-अलग पैनल तय किये हैं। पैनल में जो सदस्य देश होते हैं वे अल्फाबेट क्रम के आधार पर चक्रवातों के नाम तय करते हैं।

13 देशों के इस पैनल में भारत, पाकिस्तान, ओमान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यमन शामिल हैं। इस बार चक्रवात का नाम देने की जिम्मेदारी बांग्लादेश की थी।

image source : jagranjosh.com

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