Pratiksha Tondwalkar
आज से पहले भी आपने बहुत सी motivational कहानियां सुनी होंगी, लेकिन प्रतीक्षा तोंदवलकर जैसी हिम्मती साहसी और मेहनती महिला की कहानी शायद ही कभी आपने सुनी हो।
Pratiksha tondwalkar जिसने दसवीं की पढाई भी पूरी नहीं की थी, एक सफ़ाई कर्मचारी के रूप में SBI बैंक में काम करना शुरू किया था। और आज अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत वह मुंबई एसबीआई बैंक के AGM (असिस्टेंट जनरल मैनेजर) के पद पर पहुंच गयी हैं।
जी हां सपने तो बहुत से लोग देखते हैं लेकिन बिना सपने देखे जब परिस्थितियां आने पर आपको अपने सपनों को बुनना और हर हाल में उन्हें पूरा करने का जज्बा रखना हर किसी शख्स के बस्की बात नहीं होती।
तो आइये जानते हैं-
क्या है Pratiksha Tondwalkar की कहानी
Pratiksha Tondwalkar Biography in hindi | प्रतीक्षा तोंडवलकर जीवनी
प्रारंभिक जीवन :
- प्रतीक्षा तोंदवलकर का जन्म पुणे के एक गरीब परिवार में 1938 को हुआ था।
- पारिवारिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनकी दसवीं तक की पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई थी और उनका विवाह कर दिया गया था।
- 16 साल की उम्र में उनका विवाह सदाशिव कडू से कर दिया गया था।
- उनके पति मुंबई के एसबीआई बैंक में रिमाइंडर का काम करते थे
- विवाह 1 साल बाद उनके बेटे विनायक ने जन्म लिया।
- अपने गांव जाते हुए एक एक्सीडेंट में उनके पति की मौत हो गई और 20 साल की उम्र में प्रतीक्षा विधवा हो गई।
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Pratiksha Tondwalkar Education & Career (Sweeper to Bank AGM)
जब प्रतीक्षा के पति की मृत्यु हुई तो वह केवल 20 साल की थी अचानक से अपने पति की मौत हो जाने के बाद प्रतीक्षा के सामने कोई भी विकल्प नहीं था।
वह जानती थी उन्हें कहीं भी नौकरी नहीं मिलेगी क्योंकि वह दसवीं तक भी नहीं पढ़ी थी।
अपने पति की मौत हो जाने के बाद जब वह बैंक बकाया राशि लेने पहुंची। प्रतीक्षा जानती थी कि उसे बैंक में कोई जॉब तो नहीं मिलेगी लेकिन उसने बैंक से मदद मांगी ताकि वह अपना जीवन यापन कर सकें और अपने बेटे को पाल सके।
बैंक ने भी प्रतीक्षा की मदद करने के लिए तैयार हो गया और प्रतीक्षा नेम एसबीआई बैंक में सफाई कर्मचारी के रूप में काम करना शुरू किया
कहते हैं ना कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। तो प्रतीक्षा ने इस बात को साबित किया और एक सफाई कर्मचारी के रूप में बैंक में काम शुरू करते हुए आज वह एसबीआई बैंक के असिस्टेंट जनरल मैनेजर पद पर काम कर रही हैं।
- प्रतीक्षा बैंक में 2 घंटे सुबह सफाई का काम करती थी । झाड़ू लगाने से लेकर वॉशरूम साफ करने तक का पूरा काम करती थी।
- जिसके फल स्वरुप प्रतीक्षा को 60 – 65 रुपए महीना मिलता था।
दसवीं की परीक्षा पास की :
जब प्रतीक्षा ने बैंक में बाकी लोगों को काम करते हुए देखा तो उन्होंने ठान लिया कि वह भी औरों की तरह काम कर सकती हैं। लेकिन समस्या यह थी कि वह दसवीं तक भी पूरी नहीं पढ़ी थी।
- प्रतीक्षा ने बैंक कर्मचारियों की मदद लेकर उनसे दसवीं की परीक्षा पास करने में सहायता ली।
- बैंक कर्मचारियों ने प्रतीक्षा की फॉर्म भरने में सहायता की।
- बैंक अधिकारियों ने प्रतीक्षा को समर्थन देते हुए उसे 1 माह की छुट्टी भी दी जिससे वह अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकें ।
- प्रतीक्षा के पास दसवीं की पढ़ाई के लिए किताबें भी नहीं थी जिसके लिए उनके दोस्त और रिश्तेदारों ने उनकी सहायता की और उन्हें किताबे लाकर दी।
- अपनी कड़ी मेहनत के फल स्वरुप प्रतीक्षा ने दसवीं की परीक्षा 60% मार्क्स लाकर पास की।
12वीं की परीक्षा पास की :
प्रतीक्षा जानती थी कि अगर उन्हें अपने जीवन में कुछ बडा हासिल करना है तो वो यहाँ नहीं रुक सकती। बैंक में नौकरी करने के लिए उन्हें आगे की पढाई भी पूरी करनी थी ।
प्रतीक्षा ने मुंबई के विक्रोली में नाइट कॉलेज में प्रवेश लिया। और 12वीं की परीक्षा पास की।
Graduate की डिग्री ली।
12वी पास करने के बाद प्रतीक्षा ने नाइट कॉलेज में ही मनोविज्ञान में admission लिया और 1995 में मनोविज्ञान में ग्रेजुवेट की डिग्री प्राप्त की।
Bank Clerk की जॉब :
ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के साथ-साथ प्रतीक्षा को बैंक में क्लर्क की जॉब भी मिल गई थी।
1993 में दूसरा विवाह किया :
1993 में उन्होंने दोबारा प्रमोद तोंडवलकर से विवाह किया। उनके पति ने उन्हें आगे और अधिक पढ़ने और बैंक की परीक्षा में बैठने के लिए प्रोत्साहित किया।
2004 में प्रतीक्षा का प्रशिक्षु अधिकारी के पद पर प्रमोशन मिला।
SBI AGM(Assistant Genral Manager) के पद में प्रमोशन मिला।
जून में प्रतीक्षा को मुंबई के SBI बैंक में assistent genral manager के पद में प्रमोशन मिली। उनके रिटायरमेंट के अब 2 साल शेष हैं।
इस तरह प्रतीक्षा तोंडवलकर का पूरा जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। अपने जीवन से हार मानने वाले और निराश बैठने वालों के लिए प्रतीक्षा एक मिशाल है- हिम्मत, साहस और जज्बे की।
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