Hiroshima day history and significance in hindi, Hiroshima day kyon manaya jata hai in hindi, Hiroshima day history in hindi, Hiroshima day history and facts in hindi | हिरोशिमा दिवस का इतिहास
हिरोशिमा और नागासाकी का नाम सुनकर सबसे पहले जहन में एक ही बात आती है वो है – तबाही।
आज भले ही जापान टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत आगे पहुंच गया है लेकिन एक समय ऐसा था जब परमाणु हमले ने जापान के पूरी अर्थव्यवस्था को पलट कर रख दिया था। सालों तक जापान के क्षेत्र के आसपास के बच्चे अपंग पैदा होते थे।
आज से ठीक 78 साल पहले 6 अगस्त 1945 के दिन अमेरिका ने जापान के मुख्य शहरों में से एक हीरो सीमा पर परमाणु बम लिटिलबॉय गिराया था । इस परमाणु बम के धमाके से जापान का पूरा शहर तबाह हो गया था।
हाल ही में परमाणु विस्फोट हमले पर बनी फिल्म ‘ओपेनहाइमर‘ भी रिलीज हुई थी, जिसमें परमाणु बम के बनने से लेकर उसके परिणाम तक को दर्शाया गया था।
इसका परिणाम इतना भयावह था कि आज तक इस परमाणु विस्फोट की निंदा की जाती है । आज के आर्टिकल में हम आपको हिरोशिमा दिवस से जुड़े सभी विषयों पर जानकारी देंगे। हिरोशिमा दिवस क्यों मनाया जाता है ,हिरोशिमा दिवस की कहानी एवं हिरोशिमा पर परमाणु विस्फोट का प्रभाव।
हिरोशिमा दिवस 2023 : Hiroshima day history and facts in hindi
पूरा विश्व हर साल 6 अगस्त के दिन हिरोशिमा की याद में हिरोशिमा दिवस मनाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के 2 शहरों में हिरोशिमा एवं नागासाकी में परमाणु बम गिराया थ जिसके चलते अंततः जापान ने अमेरिका के आगे आत्मसमर्पण कर दिया।
हिरोशिमा दिवस क्यों मनाया जाता है?
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा एवं नागासाकी पर जो परमाणु विस्फोट किया था वह दुनिया का पहला और आखरी परमाणु हमला था। इसके बाद से विश्व के किसी भी देश ने किसी भी देश पर परमाणु हमला नहीं किया।
जापान के दोनों शहरों की तबाही को देखते विश्व में शांति स्थापित करने एवं युद्ध में परमाणु हमलों के प्रयोग पर रोक लगाने के उद्देश्य से हर साल पूरा विश्व हिरोशिमा दिवस मनाता है।
जापान के लोग किस दिन हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क में जाकर उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जो कि युद्ध के दौरान परमाणु विस्फोट में मारे गए थे।
Hiroshima day history and facts in hindi | हिरोशिमा दिवस का इतिहास
हिरोशिमा दिवस का महत्व
विश्व को परमाणु विस्फोट के भयावह परिणाम के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस मनाया जाता है। इस दिन पूरे विश्व को शांति बनाए रखने का संदेश दिया जाता है। युद्ध में होने वाली हानियों एवं तबाही के प्रति विश्व को सूचित किया जाता है।
हिरोशिमा दिवस का इतिहास ( Hiroshima day history and facts in hindi)
सन् 1939 से 1945 तक विश्व के दो प्रमुख गुटों के बीच द्वितीय विश्वयुद्ध चला । यह युद्ध लगभग 6 साल तक चला। इस युद्ध में विश्व के दो प्रमुख गुट जिसमें एक तरफ जर्मनी, इटली और जापान जैसी धुरी शक्तियां थी तो दूसरी और मित्र देश सांस ग्रेट ब्रिटेन संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ शामिल था।
6 सालों तक चलने वाले इस द्वितीय विश्वयुद्ध में लगभग 100 मिलियन लोगों ने भाग लिया था जिसमें कि दुनिया की 3% आबादी खत्म हो गई थी।
जानिए कौन थे परमाणु बम के आविष्कारक ‘ओपेनहाइमर’ |
जानिए कैसी है परमाणु विस्फोट पर बनी हॉलीवुड फिल्म ‘ ओपेनहाइमर’ |
अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम क्यों गिराया?
इस युद्ध के दौरान 8 मई 1945 को जर्मनी ने आत्मसमर्पण कर दिया जिसके चलते यूरोप में युद्ध समाप्त हो गया था लेकिन अन्य देशों की लड़ाई अभी भी जारी थी। इसके बाद मित्र देशों ने जापान को आत्मसमर्पण करने के लिए एक घोषणा की, लेकिन जापान ने हार नहीं मानी और आत्मसमर्पण नहीं किया।
दूसरी और अमेरिका में काफी समय से अमेरिका में मैंने टर्न प्रोजेक्ट के अंतर्गत परमाणु बम पर रिसर्च चल रही थी। परमाणु बम बनकर तैयार था और अब अमेरिका उसका परीक्षण करना चाहती थी।
अमेरिकी सेना ने इस परमाणु बम परीक्षण के लिए 509 कैंपोजिट ग्रुप नाम से सेना तैयार की, जिसके द्वारा द्वितीय विश्वयुद्ध के चलते हिरोशिमा एवं नागासाकी को चुना गया।
Hiroshima day history and facts in hindi | हिरोशिमा दिवस का इतिहास
और 6 अगस्त को अमेरिकी सेना ने लिटिल बॉय नाम के परमाणु बम को नागासाकी में विस्फोट किया और ठीक इसके 3 दिन बाद 9 अगस्त को नागासाकी में फैट बॉय नामक परमाणु बम का विस्फोट किया।
हिरोशिमा पर परमाणु बम का प्रभाव
Hiroshima day history and facts in hindi | हिरोशिमा दिवस का इतिहास| हीरो सीमा दिवस क्यों मनाया जाता है?
हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु विस्फोट के बाद भयंकर तबाही मच गई थी। हिरोशिमा और नागासाकी जापान के दो प्रमुख शहरों में से एक थे जिन्हें अमेरिका ने युद्ध में अपना निशाना बनाया।
हिरोशिमा पर परमाणु विस्फोट के प्रभाव से लगभग 80000 लोगों की उसी समय मृत्यु हो गई थी। बाद में प्राप्त जानकारी के अनुसार हीरोशिमा मरने वाले लोगों की संख्या लगभग 146000 बताई गई।
परमाणु विस्फोट के बाद निकलने वाले विकिरण किरणों से कई लोगों को घातक बीमारियां हुई जलन और बीमारी से कई लोग मारे गए ।इसके कई सालों बाद भी जापान में इन विकिरणों का घातक प्रभाव देखने को मिला।